वादा

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meenu yatin

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

वादा

समेट लूंगी सँभाल लूंगी 
छोड़ दो मुझ पर
मेरा यकीन कर
संमदर सी फितरत है मेरी
डूबने दूंगी नहीं कभी
उछाल दूंगी ।

तुम्हारे दर्द,
खाली तुम्हारे न होंगे 
मैं बाँट लूंगी उन्हें
तुमको उबार लूंगी ।

ख्वाबों के टूटने का
डर दिल से निकाल दो
तुम्हारी पलकों से
चुनके ख्वाब
अपनी आँखो में उतार लूंगी ।

हालात हो कुछ भी,
रहोगे न तन्हा
मैं हर हाल, हरपल
तुम्हारा साथ दूंगी ।

 

मीनू यतिन

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meenu yatin

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वादा

समेट लूंगी सँभाल लूंगी 
छोड़ दो मुझ पर
मेरा यकीन कर
संमदर सी फितरत है मेरी
डूबने दूंगी नहीं कभी
उछाल दूंगी ।

तुम्हारे दर्द,
खाली तुम्हारे न होंगे 
मैं बाँट लूंगी उन्हें
तुमको उबार लूंगी ।

ख्वाबों के टूटने का
डर दिल से निकाल दो
तुम्हारी पलकों से
चुनके ख्वाब
अपनी आँखो में उतार लूंगी ।

हालात हो कुछ भी,
रहोगे न तन्हा
मैं हर हाल, हरपल
तुम्हारा साथ दूंगी ।

 

मीनू यतिन

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