एक बार फिर आ जाओ कन्हैया

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

#HAPPYHOLI2022

एक बार फिर आ जाओ  कन्हैया

एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 
उपवन वही डगर वही है
ग्राम वही है नगर वही है
गलियाँ तुम बिन सूनी हैं
अपनी बाल लीला फिर दिखाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

कदंब की डालियाँ
यमुना का तट बुलाता है
खीर की उठती  सुगंध
तुम्हें माखन बुलाता है
माखन की मटकी फोड़ गिराओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

मथुरा तके  राह, वृंदावन बुलाता है
गोपियाँ  गुलाल लिए बाट जोहे तेरी
बरसाना का  तुमको  फागुन  बुलाता है
फुहार छोड़ अबीर गुलाल उड़ाओ कन्हैया
आकर सबको अपने रंग ,रंग जाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

राधा के संग बाँसुरी की धुन पर
सबको प्रेममय कर दो
प्रेम की सच्ची अनुभूति से
साक्षात्कार कराओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

कितनी  संखिया रोई सिसकी , चीखी चिल्लाई
कितनी नम आँखें, भयभीत और
भीगा मन बुलाता है
आकर सखियों का  सम्मान बचाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

गीता के सार बताने को
अर्जुन के भ्रम मिटाने को
सत्कर्म का मार्ग  दिखाने को
धर्म अधर्म का भेद बताने को
धरती के भाग्य जगाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.



एक बार फिर आ जाओ कन्हैया

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

#HAPPYHOLI2022

एक बार फिर आ जाओ  कन्हैया

एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 
उपवन वही डगर वही है
ग्राम वही है नगर वही है
गलियाँ तुम बिन सूनी हैं
अपनी बाल लीला फिर दिखाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

कदंब की डालियाँ
यमुना का तट बुलाता है
खीर की उठती  सुगंध
तुम्हें माखन बुलाता है
माखन की मटकी फोड़ गिराओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

मथुरा तके  राह, वृंदावन बुलाता है
गोपियाँ  गुलाल लिए बाट जोहे तेरी
बरसाना का  तुमको  फागुन  बुलाता है
फुहार छोड़ अबीर गुलाल उड़ाओ कन्हैया
आकर सबको अपने रंग ,रंग जाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

राधा के संग बाँसुरी की धुन पर
सबको प्रेममय कर दो
प्रेम की सच्ची अनुभूति से
साक्षात्कार कराओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

कितनी  संखिया रोई सिसकी , चीखी चिल्लाई
कितनी नम आँखें, भयभीत और
भीगा मन बुलाता है
आकर सखियों का  सम्मान बचाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

गीता के सार बताने को
अर्जुन के भ्रम मिटाने को
सत्कर्म का मार्ग  दिखाने को
धर्म अधर्म का भेद बताने को
धरती के भाग्य जगाओ कन्हैया
एक बार फिर आ जाओ कन्हैया । 

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.