
सूफियाना
सूफियाना
उसने नजरें क्या हटाई मुझसे कि,
दिल शायराना हों गया।
उसने थामा जो मेरा हाथ की ,
वो फिज़ा रुहाना हो गया।
छूटा जो उनका साथ कि,
दिल काफिराना हो गया।
दोस्तों को वो किस्सा सुनाने वक्त,
दिल फिर आशिकाना हो गया।
आज कोई नहीं है साथ तो,
दिल सूफियाना हो गया।
रचयिता – स्वेता गुप्ता
Photo by sushantphotographyy : https://www.pexels.com/photo/indian-young-woman-in-sari-standing-on-rocky-shore-7037113/
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