सहारे की आदत

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meenu yatin

29 Jul 20241 min read

Published in poetry

सहारे की आदत

सहारे की आदत
न डालना,
सहारे साथ छोड़ देते हैं
सीधे एक रौ में बहे तो सही
तूफान जब भी  उठे
किनारे साथ छोड़ देते हैं

रात चाँदनी हो  तो गगन
में  टिमटिमाते हैं
रात अमावस की हो, तो
सितारे साथ छोड़ देते हैं

इधर उधर की बातों की
न तुम परवाह करना
कोई हो न हो साथी
तुम खुद के साथ रहना
अकसर दूसरों  को
देख जीने वाले,
खुद का,
साथ  छोड़ देते हैं ।

 

मीनू यतिन

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meenu yatin

29 Jul 20241 min read

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सहारे की आदत

सहारे की आदत
न डालना,
सहारे साथ छोड़ देते हैं
सीधे एक रौ में बहे तो सही
तूफान जब भी  उठे
किनारे साथ छोड़ देते हैं

रात चाँदनी हो  तो गगन
में  टिमटिमाते हैं
रात अमावस की हो, तो
सितारे साथ छोड़ देते हैं

इधर उधर की बातों की
न तुम परवाह करना
कोई हो न हो साथी
तुम खुद के साथ रहना
अकसर दूसरों  को
देख जीने वाले,
खुद का,
साथ  छोड़ देते हैं ।

 

मीनू यतिन

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