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अंबेडकर के संघर्षों को बच्चों की दृष्टि से प्रस्तुत करती राजेश तलवार की अनोखी कृति
‘एक लड़का जिसने संविधान लिखा’ कृति अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और 44 पुस्तकों के लेखक राजेश तलवार द्वारा लिखित है | यह कृति उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Boy Who Wrote a Constitution’ सीरीज का हिंदी अनुवाद है | इस नाटक का हिंदी अनुवाद जाने-माने टेलीविजन पत्रकार अब्दुल रहमान किदवई द्वारा किया गया है | मूल अंग्रेजी पुस्तक को काफी सराहना मिली थी और यह पुरस्कारों के लिए भी चयनित हुई थी | इसका हिंदी अनुवाद पाठको विशेष कर बच्चों और युवाओं को संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी के जीवन और संघर्षों से परिचित कराता है |
इस पुस्तक में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी को एक नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया है | ताकि बच्चे इसे पढ़ने के साथ-साथ मंचन भी कर सके | इसके माध्यम से अंबेडकर जी के बचपन और युवावस्थाओं की घटनाओं से यह दिखाया गया है कि कैसे सामाजिक अन्याय भेदभाव और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने शिक्षा और आत्मबल से अपनी राह बनाई |
किताब में डॉ. अंबेडकर के जीवन में उन्हें झेलनी पड़ी भेदभाव की स्थिति का वर्णन है, जिसमें उनके बचपन की कठिनाइयाँ भी शामिल हैं, और यह बताया गया है कि उन्होंने कैसे इन सबका सामना किया और बहुत कुछ हासिल किया।
अब सवाल यह है कि उन्हें भेदभाव क्यों झेलना पड़ा? इसका कारण यह था कि वे चार जातियों में सबसे निचली जाति, अछूत या दलित जाति से थे। उनके समय में भारत अपनी स्वयं की बनाई हुई हिन्दू जातिव्यवस्था से जूझ रहा था और दलितों के साथ भेदभाव किया जाता था। वास्तव में, सिर्फ हिन्दू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम और ईसाई भी अछूतों के साथ भेदभाव करते थे।
किताब में सभी पात्रों ने अंबेडकर जी की जीवन में मुख्य भूमिका निभाई, जिनमें उनके भाई और बहन, बड़ौदा के महाराज और अंबेडकर जी के शिक्षक सराहनीय है क्योंकि उन्होंने जीवन के अलग-अलग पड़ाव में उन्हें प्रेरित किया और उनके सफर में मदद की |
इस नाटक में अंबेडकर जी के बचपन में जीवन बदल देने वाली घटनाओं का चित्रण किया गया है |इस नाटक में सार्वजनिक जल स्रोतों से पानी पीने के अधिकार और आवास के अधिकार को दर्शाया गया है
यह सरल भाषा में लिखा गया है और बच्चों, उनके माता-पिता, शिक्षकों तथा आम पाठकों के लिए भी रुचिकर है। नाटक का पहला दृश्य बच्चों को यह चर्चा करते दिखाता है कि उनका जीवन बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक क्यों है?
लेखक ने डॉ. अंबेडकर की जीवन कहानी को मज़ेदार और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया, भले ही उनके संघर्ष कठिन रहे। लेखक ने केवल डॉ. अंबेडकर के जीवन की कुछ झलकियाँ दी, पूरी जीवनी नहीं, जिससे कुछ ही पृष्ठों में इस महान व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलता है।
किताब को दृश्यों (Scenes) में बाँटा गया है और बातचीत के अंदाज में कहानी का प्रवाह है… जिससे कहानी जीवंत और वास्तविक लगती है।
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