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अष्टावक्र गीता
भगवान् कृष्ण की गीता में विश्व के प्रत्येक धार्मिक और अधार्मिक आदमी के लिए कुछ न कुछ मसाला मिल जायेगा – सभी लोग अपनी संभावनाएं गीता में देख लेते हैं| अष्टावक्र की गीता में सबके लिए संभावनाएं नहीं हैं|
चारों वर्णों की एकात्मता का, ‘सद्विप्र’ का पर्व है होली
हमलोग यदि मन को केंद्र बिंदु बना लेते हैं तो मन सुख चाहता है; तब हम पद, पैसा और प्रतिष्ठा के इर्द-गिर्द घूमेंगे|
भगवान् शंकर की पूरी काशी की यात्रा
शिवत्व को, अपने आत्मस्वरूप को उपलब्ध होने के महापर्व ‘महाशिवरात्रि’ के अवसर पर विशेष….
देवतामय शरीर ‘मेरे राम’
वेद के ऋचा की ही बात सद्गुरु कबीर सतही भाषा में कहते हैं कि पाँच तत्वों एवं तीन गुणों से इस शरीर का निर्माण परम पुरुष ने किया है।
अभ्युदय सिद्ध ‘मेरे राम’
राम अयोध्या पहुँचते हैं। भरत भक्ति, श्रद्धा के प्रतिरूप हैं। वे स्वागत करते हैं।
मुक्तिदाता गुरु
आज प्रथम जनवरी से नववर्ष प्रारम्भ हो गया। आप सभी लोग नए वर्ष का स्वागत ध्यान, जप, हवन, गुरु पूजा से प्रारम्भ कर रहे हैं।
महर्षि कपिल का तीसरा नेत्र
हमारा स्थूल शरीर माँस, मेद और अस्थि से निर्मित है। इसी में प्राण स्थित है। जो इस शरीर को जीवनी शक्ति प्रदान करता है।
उपवास – नवरात्रि पर विशेष
उपवास प्रकृति का नियम है। नवरात्र व्रत में उपवास का महत्त्व है। नवरात्र का अर्थ होता है-नव रात्रि।