‘माँ, तुम बहुत याद आती हो’ सस्वर पाठ
मेरी कविता “ माँ तुम बहुत याद आती हो” उन सभी लोगों को समर्पित है जिन्होने उम्र के किसी ना किसी पड़ाव मे अपनी माँ को खोया है।
मेरी कविता “ माँ तुम बहुत याद आती हो” उन सभी लोगों को समर्पित है जिन्होने उम्र के किसी ना किसी पड़ाव मे अपनी माँ को खोया है।
While sitting beneath an arbor
The creator’s eye touched the wharf ,
If I could name a soul
I would name her without thought
ख्वाइशें…शायद ही कोई ऐसा इंसान है जिसकी हर ख्वाइशें पूरी हो जाती हो. “ख्वाइशें” शब्द सुनकर ही मन एक अलग ही दुनिया में चला जाता है
उदास चाँद,खामोश रात और मैं
तुम्हारी याद ,तुम्हारी बात और मैं
चिलचिलाती धूप में
तपता है
सूरज सा वो
दिन भर जलता है
चलोगी मेरे साथ
उस सफर पर
Rama Rao and Sangameshwar have been friends since their school days. Rama Rao graduated in civil engineering, while Sangameshwar earned his degree in arts.