माँ, तुमसा न कोई।
माँ तुम हो कितनी प्यारी ,
तुम तो हो सबसे निराली ।
निभाती किरदार कई ,
तुम जैसा न कोई ।
Hindi / MOTHER'S DAY / Poetry / Young Expression
by Lola Nagle
by Lola Nagle · Published May 9, 2022
माँ तुम हो कितनी प्यारी ,
तुम तो हो सबसे निराली ।
निभाती किरदार कई ,
तुम जैसा न कोई ।
धूप कड़ी थी मगर वो अड़ी रही, अपनी छाँव में सबको लिए वो खड़ी रही।
This is the truth of a mother’s life. For a child it is difficult to understand the sacrifice and pain, a mother puts through to bring her child to this world.
याद है, पर जब हमें
हमारी कोशिश का फल मिला,
जब दिन निकला,
तो लोग भी बदले, और
मौसम भी बदला?
भीड़ में, इनसे शायद ही
कोई बच पाता है,
पर ढूंढती आँखों को,
वह चेहरा नज़र नहीं आता है।
चेहरा देख, बिन बोलें, तुम मन पढ़ लेती हो,
भूख से चिढ जाऊं, बिन बोले, खाना लें आती हो,
माँ, तुम कैसे कर लेती हो?
Eternal, unquestioning self-surrender to Mother alone can give us peace.
इस जन्म से नई जिंदगी शुरू करने की आंच होती है माँ !
जिंदगी के हर पल पर साथ चलने वाली होती है माँ !