Tagged: hindi
साथी
“साहेब, आज मुझे थोड़ा जल्दी घर जाना है। कल मेरी बेटी की परीक्षा सुबह है। सेंटर थोड़ा दूर है। “
वकील साहब से उनके डाइवर दीना ने कहा।
भूली बिसरी यादें
बेटा स्माइल! ऐसा कहते हुए नंदिनी ने जब अपनी बेटी हिमानी की फोटो अपने मोबाइल से खींचने चाही तब उसकी बेटी हिमानी ने झल्लाते हुए कहा, “क्या मां आप जब देखो फोटो-फोटो बोलती रहती हैं, मुझे अच्छा नहीं लगता ।जब भी कुछ नया पहनो तो आप मोबाइल लेकर सामने आ जाती हो।”
मां ऐसी ही होती है।
कभी कहती नहीं
जाने वो कैसे सब सह लेती है
आंखो में दर्द को अपने
मानो जैसे रख लेती है
मां ऐसी ही होती है।
कर्मयोग
महर्षि बाल्मीकि ने कहा था-‘सदा प्रिय लगने वाली बातें कहने वाले लोग सुलभ हैं। लेकिन सुनने में अप्रिय किन्तु परिणाम में अच्छी लगने वाली बातें कहने तथा सुनने वाले दोनों दुर्लभ हैं|
आम ले लो…
आम के पेड़ के नीचे से गीरे हुए आम देख कर जगदीश ने अपनी जेब से एक छोटा सा चप्पू निकाला। उसने आम को काटा और नमक छिड़का। जब मैंने एक आम काटा, तो ऐसा लगा जैसे सारा ब्रह्मांड भीतर समा गया हो।
हर घर में शबरी
नींद टूटी, तब तक एक घंटा हो चुका था। पत्नी को लगा कि इतनी देर से रखा जूस कहीं खराब ना हो गया हो। उसने पहले जरा सा जूस चखा और जब लगा कि स्वाद बिगड़ा नहीं है, तो पति को दे दिया पीने को।
विषम विचार
सदैव से विषम विचारधराएं समरस प्रवाहित होती रहती हैं। जब सत्तासीन व्यक्ति भोगी, विलासी, सुख-सुविधभोगी तथा सत्तालोलुप हो जाता है तब अनाचार, व्यभिचार भ्रष्टाचार सिर पर चढ़ कर बोलने लगता है।
फ़ितरत
पहुँच के बाहर है तो पाने का जुनून ,
है पहुँच में तो, अपनाने का जुनून
इंसान की अजीब फ़ितरत है !