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‘माँ, तुम बहुत याद आती हो’ सस्वर पाठ

मेरी कविता “ माँ तुम बहुत याद आती हो” उन सभी लोगों को समर्पित है जिन्होने उम्र के किसी ना किसी पड़ाव मे अपनी माँ को खोया है।

ख्वाइशें

ख्वाइशें…शायद ही कोई ऐसा इंसान है जिसकी हर ख्वाइशें पूरी हो जाती हो. “ख्वाइशें” शब्द सुनकर ही मन एक अलग ही दुनिया में चला जाता है