बारिश

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meenu yatin

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

बारिश

बिन मौसम बेकार की बारिश
बिन तेरे किस काम की बारिश
अब बूँदों में बात नहीं वो,
है खाली बस नाम की बारिश।

सोंधी मिट्टी की खुशबू से
बचपन याद आए मुझको
मेरे मन की धरती पर भी
बरसी, तेरी याद की बारिश।

बादल का घर छोड़े
तब धरा से नाता जोडे़
गिरते ही बिगरे, फैले
आती नभ से प्यार की बारिश।

 

मीनू यतिन

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17 Aug 20241 min read

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बारिश

बिन मौसम बेकार की बारिश
बिन तेरे किस काम की बारिश
अब बूँदों में बात नहीं वो,
है खाली बस नाम की बारिश।

सोंधी मिट्टी की खुशबू से
बचपन याद आए मुझको
मेरे मन की धरती पर भी
बरसी, तेरी याद की बारिश।

बादल का घर छोड़े
तब धरा से नाता जोडे़
गिरते ही बिगरे, फैले
आती नभ से प्यार की बारिश।

 

मीनू यतिन

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