सफर दोस्ती का….

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

Published in poetry

सफर दोस्ती का….

चलोगी मेरे साथ
उस सफर पर
जिसका हमेशा से
इंतजार था तुमको
हर वो सपनों का
ताना बाना जो तुमने
अपनी आँखों में बुना
हर वो हँसी,
जो तुमने अपने लिए चुना
उसे पूरा करें
चलते चलते जब कहीं
थक जाओगी तुम
हौले से तुम्हें
अपने पास बिठा लूगीं
अपने कंधे पे
रख के तुम्हारा सिर
धीरे-धीरे उसे सहला दूगीं।

और सुनूगीं
तुम्हारी हर वो बातें
जिन्हें तुम होठों तक
आते आते रोक लेती हो
रख के अपने
हाथों में तुम्हारा हाथ
भरोसा दिलाऊगीं
के मै हूँ हमेशा तुम्हारे साथ
कदम से कदम मिलाए चल पडूँगी तुम्हारे साथ फिर
तलाशने वो सपनों का शहर
जिसे हमने साथ संजोया था
चलोगी न तुम मेरे साथ!

 

मीनू यतिन

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सफर दोस्ती का….

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

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सफर दोस्ती का….

चलोगी मेरे साथ
उस सफर पर
जिसका हमेशा से
इंतजार था तुमको
हर वो सपनों का
ताना बाना जो तुमने
अपनी आँखों में बुना
हर वो हँसी,
जो तुमने अपने लिए चुना
उसे पूरा करें
चलते चलते जब कहीं
थक जाओगी तुम
हौले से तुम्हें
अपने पास बिठा लूगीं
अपने कंधे पे
रख के तुम्हारा सिर
धीरे-धीरे उसे सहला दूगीं।

और सुनूगीं
तुम्हारी हर वो बातें
जिन्हें तुम होठों तक
आते आते रोक लेती हो
रख के अपने
हाथों में तुम्हारा हाथ
भरोसा दिलाऊगीं
के मै हूँ हमेशा तुम्हारे साथ
कदम से कदम मिलाए चल पडूँगी तुम्हारे साथ फिर
तलाशने वो सपनों का शहर
जिसे हमने साथ संजोया था
चलोगी न तुम मेरे साथ!

 

मीनू यतिन

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