
सब बदल गया

सब बदल गया
बरसों बाद मैं आया हूँ तो पाया
के शहर बदल गया।
दिलो दिमाग में बसा हुआ
वो सारा मंजर बदल गया ।
ना पहले सी रंगत है इन
दीवारों में, रंगों में,
पैर धरे तो मैंने पाया
मेरा घर तो बदल गया ।
ढूँढती रही निगाहें चारों तरफ
कुछ वैसा तो बाकी ही नहीं
दिल की गलियाँ महकाता था
जो, वो सारा आलम किधर गया!
मीनू यतिन
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