
अनकही बातें
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अनकही बातें
तू एक है तू अकेली है,
ये किसी को ना बता।
तू एक गुमराह सरफिरी है,
ये किसी को ना बता।
भावनाओं के सैलाब में डूबती हुई एक जान है,
ये किसी को ना बता।
खामोशी में गुम हो चुकी एक इंसान है,
ये किसी को ना बता।
तू सब कुछ समझ कर चुप है,
ये किसी को ना बता।
तू कुछ यादों में खोई हुई है,
ये किसी को ना बता।
यह बिन बताए सी ज़िंदगी अब क्या है,
ये किसी को ना बता!
हंसिका गुप्ता
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