यादों सी बारिश

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

Published in poetry

यादों सी बारिश

बारिश की बूदों को
महसूस किया चेहरे पे कभी
लगा, मेरे चेहरे को छू गईं हों
उगँलियाँ तेरी।

आसमां से जमीं का
सफर तय करते हैं
गिरते ही बिखर जाते हैं
ये मोती,
ये ठंडी हवाएं कभी
अकेली नहीं आतीं
ये समेटे आती हैं
यादें तेरी।

बादलों का ये झुंड
आ के घेर लेता है आसमाँ को
जैसे तेरी बाहों ने मुझे घेरा हो
देखते ही मुझे
लहरा देती है हवा
आँचल अपना
मैं भर लेती हूँ साँसों में
सोंधी खुशबु तेरी
तेरी हँसी सी
खूबसूरत लगे है बारिश
बहुत प्यारी लगती है मुझे
रिमझिम सी ये बारिश।

 

मीनू यतिन

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

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यादों सी बारिश

बारिश की बूदों को
महसूस किया चेहरे पे कभी
लगा, मेरे चेहरे को छू गईं हों
उगँलियाँ तेरी।

आसमां से जमीं का
सफर तय करते हैं
गिरते ही बिखर जाते हैं
ये मोती,
ये ठंडी हवाएं कभी
अकेली नहीं आतीं
ये समेटे आती हैं
यादें तेरी।

बादलों का ये झुंड
आ के घेर लेता है आसमाँ को
जैसे तेरी बाहों ने मुझे घेरा हो
देखते ही मुझे
लहरा देती है हवा
आँचल अपना
मैं भर लेती हूँ साँसों में
सोंधी खुशबु तेरी
तेरी हँसी सी
खूबसूरत लगे है बारिश
बहुत प्यारी लगती है मुझे
रिमझिम सी ये बारिश।

 

मीनू यतिन

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