देश मेरा

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prarthana singh

21 Jul 20241 min read

Published in poetry

देश मेरा ।

रग रग में जिसका खून बहे,
मिट्टी से जिसकी हम है बने,
जिसके लिए जवानों ने,
कटवा दिए है सर अपने।

जिसकी इज़्ज़त ही, हमारे युवाओं की है पहचान,
हमेशा लाती हमें मान सम्मान।
जवानों के बलिदान की गाथा,
हम गर्व से जिसे गाते जुबानी।

हमारे देश की धरती से बढ़कर कुछ नई, अब यही है जीवन सारा,
तिरंगा ऊंचा लहराता है, और मन झूम उठता है,
जब देश गाता- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा !

 

प्रार्थना सिंह

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prarthana singh

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देश मेरा ।

रग रग में जिसका खून बहे,
मिट्टी से जिसकी हम है बने,
जिसके लिए जवानों ने,
कटवा दिए है सर अपने।

जिसकी इज़्ज़त ही, हमारे युवाओं की है पहचान,
हमेशा लाती हमें मान सम्मान।
जवानों के बलिदान की गाथा,
हम गर्व से जिसे गाते जुबानी।

हमारे देश की धरती से बढ़कर कुछ नई, अब यही है जीवन सारा,
तिरंगा ऊंचा लहराता है, और मन झूम उठता है,
जब देश गाता- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा !

 

प्रार्थना सिंह

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