
आसान नहीं होता

आसान नहीं होता
रोक लेते हैं अक्सर आंसू
आँख भरने नहीं देते
‘लड़की की तरह रोता है’
के ताने खुल कर रोने नहीं देते
आँसुओं को संभाल रखना
आसान नहीं होता।
सुबह से रात तक, उनका भी मन
बहुत परेशान करता है,
बेचैन करता है
कभी हैरान करता है
वो भी कई बार चीजें भूल जाता है
एक काम में अटका
और दूजा भूल जाता है
ये भूल ऐसी है कि
सबसे ही होती है
एक साथ कई
काम आसान नहीं होता ।
वो चुप रह जाता है अकसर
सवालों का जवाब नहीं देता
ऐसा नहीं कि कोई प्रश्न
उसे झकझोरता नहीं
हाँ, फिर भी कई बार
वो कुछ बोलता नहीं
जिम्मेदारी जो उसकी है
वो निभाता है
कभी दायरे में बँधा वो
अकसर सब में बँट जाता है
थोड़ा इसके थोड़ा उसके
हिस्से में आता है
सब को साथ ले कर चला
अपने हिस्से में, कम ही आता है
सबको बराबर
मिल पाना आसान नहीं होता ।
अपनी पहचान
अपना नाम
अपनी हस्ती का ज़ुनून
कभी बोझ, कभी तनाव
कभी भरपूर सुकून
जो गंभीर है बाहर
हर समस्या
हर चुनौती से लड़ता है
अकसर बच्चों के संग
बच्चों सा वो
खेला करता है
ढाल सा खड़ा होता है
अपनों के लिए
घर भी देखता है
समाज देखता है
रिश्तो की अदालत में
अकसर कटघरे में होता है
खुद की, अपनो से
वकालत आसान नहीं
आदमी का आदमी होना
भी आसान नहीं होता ।।
मीनू यतिन
Photo by Keith Lobo: https://www.pexels.com/photo/silhouette-of-man-standing-on-the-seashore-during-sunset-9312601/
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