
नारी

नारी
हर रिश्ते को निभाती है
माला के धागे सी वो
हर मोती को संभाले रखती है
हर फूल को बाँधे रखती है
पवित्रता को परखने वाली
ज़्वाला भी खुद ही बुझ जाती है
नारी जब सिया बन कर
धरती पर आती है
कोमल सा मन ,कोमल सा तन
बात अस्मिता पर आ जाए तो
वह अग्नि बन जाती है
एक जीवन को जीवन दे सकने का
उसको ही वरदान मिला
प्रेम को अमर कर दिया
तब राधा को श्याम मिला
भाव भरे हैं उसमें सारे
उसमें समाहित है शक्ति
अन्नपूर्णा, धारिणी, लक्ष्मी, सती
नारी ही है सरस्वती ।
मीनू यतिन
Photo by Subha Banik: https://www.pexels.com/photo/a-girl-wearing-a-red-sari-8157120/
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