
ये आभासी दुनिया
ये आभासी दुनिया
ये आभासी दुनिया,
उसके आभासी रिश्ते,
एक क्लिक में बनते,
एक क्लिक में बिखरे,
कभी धंधे का साधन,
कभी मिथ्या ही चर्चे,
कभी बढ़ाते पीड़ हृदय की,
कभी बढ़ाते खर्चे,
कभी अपनी तुरही फूंके,
बस लाइक्स के भूखे,
एक पोस्ट यहां मिस हुई,
वहां सब रिश्ते सूखे,
बात बात पर बुरा मानते,
हर बात पर फॉरवर्ड ज्ञान,
जीवन का हर क्षण दिखावा,
बस दिखावे की ये दुकान,
आभासी जब से बनी दुनिया,
यहां आभासी सब आभास हैं,
कुछ सच्चे रिश्ते जो मिले यहां,
वही निभाते यहां विश्वास हैं।।
स्वरचित एवं मौलिक,
©अपर्णा
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