
जागी जागी सी रात

जागी जागी सी रात
सोया -सोया सा चाँद
जागी -जागी सी रात है ।
झिलमिलाती लडियाँ,
हैं जगमगाती गलियाँ,
धरती पे तारों की बारात है।
मंदिर में पूजा के दिये।
नदियों में तैरते दिये
घरों की मुडेंरों पे,
चौखटों पे सजे दिये ।
दिये की रोशनी है कि
ये रौशनी के दिये ।
आतिशबाजियों की धूम
हर्षोल्लास की रात है ।
रंगोली के रंग सुहाने
त्योहार के रंग से,
सरोबार रात है ।
सोया सोया सा चाँद
मगर फिर भी,
जागी जागी सी रात है।
मीनू यतिन
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