जागी जागी सी रात

Avatar
meenu yatin

11 Aug 20241 min read

Published in poetry

जागी जागी सी रात


सोया -सोया सा चाँद
जागी -जागी सी रात है ।
झिलमिलाती लडियाँ,
हैं जगमगाती गलियाँ,
धरती पे तारों की बारात है।

मंदिर में पूजा के दिये।
नदियों में तैरते दिये
घरों की मुडेंरों पे,
चौखटों पे सजे दिये ।
दिये की रोशनी है कि
ये रौशनी के दिये ।

आतिशबाजियों की धूम
हर्षोल्लास की रात है ।
रंगोली के रंग सुहाने
त्योहार के रंग से,
सरोबार रात है ।

सोया सोया सा चाँद
मगर फिर भी,
जागी जागी सी रात है।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.



जागी जागी सी रात

Avatar
meenu yatin

11 Aug 20241 min read

Published in poetry

जागी जागी सी रात


सोया -सोया सा चाँद
जागी -जागी सी रात है ।
झिलमिलाती लडियाँ,
हैं जगमगाती गलियाँ,
धरती पे तारों की बारात है।

मंदिर में पूजा के दिये।
नदियों में तैरते दिये
घरों की मुडेंरों पे,
चौखटों पे सजे दिये ।
दिये की रोशनी है कि
ये रौशनी के दिये ।

आतिशबाजियों की धूम
हर्षोल्लास की रात है ।
रंगोली के रंग सुहाने
त्योहार के रंग से,
सरोबार रात है ।

सोया सोया सा चाँद
मगर फिर भी,
जागी जागी सी रात है।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.