मेरे बरामदे में लगा नीम का पेड़

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

मेरे बरामदे में लगा नीम का पेड़

 

मेरे बरामदे मे लगा वो नीम का पेड़
बहुत सुकून देता है वो हरा भरा पेड़
मेरे घर की खिड़की को घेर लेता है ।

कितनी ही तरह की चिडि़यों को बसेर देता है
गऱमियों  की दुपहर मे अपनी
शीतल छाया तले
कितना आराम देता है वो घना घना पेड़
कितना सुदंर होता है वो पल
सुबह सवेरे पूजा करके,
जब माँ  सूरज को अर्घ देती हैं
तुलसी और नीम पे जल चढा़ती हैं ।

अमरुद की चंचल डाली हो
या आम के छोटे पेड़ हुए
पिता के जैसे छोटे पेड़ पोधों को
सहारा दे संभालता है ,
जब भी मौसम मे
आँधी तूफान के थपेडे़ हुए ।

इसकी छाँव में खेले कूदे जो
उनको  निहारा करता है
अपनी डाली मे उलझा के पतंग
बच्चों को इशारा करता है ।

इससे  छन कर सूरज की
लाली फैल जाती है
चाँद झाँकता है ऊपर से
और  चादँनी उतर आती है
बारिश की फुहारें
जब भी इसको नहलाती हैं
वो बूदें मिट्टी की खुशबू को
चारो तरफ फैलाती है ।

थोडी़ सी देख भाल और बहुत  सा प्यार
इतनी ही चीजों से बना है
मेरी बगिया मेरा परिवार।।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.



मेरे बरामदे में लगा नीम का पेड़

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

मेरे बरामदे में लगा नीम का पेड़

 

मेरे बरामदे मे लगा वो नीम का पेड़
बहुत सुकून देता है वो हरा भरा पेड़
मेरे घर की खिड़की को घेर लेता है ।

कितनी ही तरह की चिडि़यों को बसेर देता है
गऱमियों  की दुपहर मे अपनी
शीतल छाया तले
कितना आराम देता है वो घना घना पेड़
कितना सुदंर होता है वो पल
सुबह सवेरे पूजा करके,
जब माँ  सूरज को अर्घ देती हैं
तुलसी और नीम पे जल चढा़ती हैं ।

अमरुद की चंचल डाली हो
या आम के छोटे पेड़ हुए
पिता के जैसे छोटे पेड़ पोधों को
सहारा दे संभालता है ,
जब भी मौसम मे
आँधी तूफान के थपेडे़ हुए ।

इसकी छाँव में खेले कूदे जो
उनको  निहारा करता है
अपनी डाली मे उलझा के पतंग
बच्चों को इशारा करता है ।

इससे  छन कर सूरज की
लाली फैल जाती है
चाँद झाँकता है ऊपर से
और  चादँनी उतर आती है
बारिश की फुहारें
जब भी इसको नहलाती हैं
वो बूदें मिट्टी की खुशबू को
चारो तरफ फैलाती है ।

थोडी़ सी देख भाल और बहुत  सा प्यार
इतनी ही चीजों से बना है
मेरी बगिया मेरा परिवार।।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.