मीठी बतिया

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sweta gupta

29 Jul 20241 min read

Published in poetry

मेरी सहेली के बेटे के लिए।

मीठी बतिया

 

मीठे प्यारे बोल है तेरे,

छोटी-छोटी अखियां।

 

प्यारी सी मुस्कान है तेरी,

करती, मुझ संग बतियां।

 

तुझ संग मेरी आस है बड़ी,

तू, मेरे सपनों की लड़ीयां।

 

थकान मेरी सब दूर हो जाती,

जब तू थामें मेरी उंगलियां।

 

आज के इस पावन दिन में,

जलाओ मैं तेरे लिए मोमबत्तियां।

 

तुझ संग जिऊं मैं अपना बचपन,

तुझ संग मेरी जीवन की सारी खुशियां।

 

तेरे मासूम सवालों से कभी-कभी,

भर जाती है मेरी अखियां।

 

तेरे आने से मेरे जीवन में,

बढ़ गई है गहराइयां।

 

 

रचयिता – स्वेता गुप्ता

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29 Jul 20241 min read

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मेरी सहेली के बेटे के लिए।

मीठी बतिया

 

मीठे प्यारे बोल है तेरे,

छोटी-छोटी अखियां।

 

प्यारी सी मुस्कान है तेरी,

करती, मुझ संग बतियां।

 

तुझ संग मेरी आस है बड़ी,

तू, मेरे सपनों की लड़ीयां।

 

थकान मेरी सब दूर हो जाती,

जब तू थामें मेरी उंगलियां।

 

आज के इस पावन दिन में,

जलाओ मैं तेरे लिए मोमबत्तियां।

 

तुझ संग जिऊं मैं अपना बचपन,

तुझ संग मेरी जीवन की सारी खुशियां।

 

तेरे मासूम सवालों से कभी-कभी,

भर जाती है मेरी अखियां।

 

तेरे आने से मेरे जीवन में,

बढ़ गई है गहराइयां।

 

 

रचयिता – स्वेता गुप्ता

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