मैं

Avatar
meenu yatin

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

मैं

हूँ भीड़ में शामिल मगर
इसका हिस्सा नहीं ।
जहन से न उतरे
वो दास्तान हूँ
भूल जाए यू हीं
ऐसा कोई किस्सा नहीं ।

रोकना मत ,
नदी सी बहने दो अनवरत,
मै हूँ गति और मैं रवानी हूँ

सहज हूँ , मगर फर्क जानती हूँ
दिखावे में, हकीकत में
हठ है नहीं मुझमें
मगर मैं स्वाभिमानी हूँ।

नहीं चंचल और
इतनी गंभीर भी नहीं
धैर्य है बहुत मुझमें
अधीर भी नहीं

लोगों से घेरे रहने का
नहीं शौक मुझको
चुनिंदा दोस्त हैं मेरे
जो बहुत खास हैं,
मुझे अनमोल है लोग
वो जो मेरे पास हैं।

हर किसी को
अपना कहती नहीं
हाँ जिसको माना
फिर जिंदगी दे दी ।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.



मैं

Avatar
meenu yatin

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

मैं

हूँ भीड़ में शामिल मगर
इसका हिस्सा नहीं ।
जहन से न उतरे
वो दास्तान हूँ
भूल जाए यू हीं
ऐसा कोई किस्सा नहीं ।

रोकना मत ,
नदी सी बहने दो अनवरत,
मै हूँ गति और मैं रवानी हूँ

सहज हूँ , मगर फर्क जानती हूँ
दिखावे में, हकीकत में
हठ है नहीं मुझमें
मगर मैं स्वाभिमानी हूँ।

नहीं चंचल और
इतनी गंभीर भी नहीं
धैर्य है बहुत मुझमें
अधीर भी नहीं

लोगों से घेरे रहने का
नहीं शौक मुझको
चुनिंदा दोस्त हैं मेरे
जो बहुत खास हैं,
मुझे अनमोल है लोग
वो जो मेरे पास हैं।

हर किसी को
अपना कहती नहीं
हाँ जिसको माना
फिर जिंदगी दे दी ।

 

मीनू यतिन

Comments (0)

Please login to share your comments.