
एक सवाल
एक सवाल
शाम, मुझे एक बच्चे ने पूछा,
ये रिश्ते, यादें, ये सब क्या होता है?
समझाना मुश्किल था, थोड़ा जटिल था।
संयोग से मैं अपनी अलमारी साफ कर रहीं थी,
कहा-
यादें, पुराने कपड़ों की तरह होती है,
जिसे हम प्यार से संजो कर रखते हैं।
जैसे नए कपड़े, नए रिश्ते की तरह होती है,
नए रौनक के साथ, एक रूखापन भी लाती है,
समय के साथ, उनमें एक नर्माहट आती है।
वह समय के साथ अपनी अहमियत खो भी देती है,
तब स्नेह कि गर्माहट उनमें एक नई जान लें आती हैं,
इसी रुखेपन,नर्माहट,गर्माहट से रिश्तों में गहराई आती है।
उस बच्चें ने सब सुना और दोबारा मुझसे पूछा,
वो सब तो ठीक है, मगर यह गहराई कया होती है?
उसकी मासूमियत को देख मैं हंस पड़ी ,
और कुछ ना कह सकी।
रचयिता
स्वेता गुप्ता
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