
कहानी लिखती हूँ

कहानी लिखती हूँ
तुम अपने मन का हाल कहो, मैं बात तुम्हारी लिखती हूँ,
तेरी मेरे लफ्जों को रखती हूँ,
तेरी मेरी कहानी लिखती हूँ।।
मौज़ों को खुलने दो, अश्कों को आज ढलकने दो,
कुछ बात नई सी लेकर के, मैं बात पुरानी लिखती हूँ।
तेरे मेरे लफ्जों को रखती हूँ,
तेरी मेरी कहानी लिखती हूँ।।
कितनी तन्हा हैं राहे तेरी,
चल साथ तेरा मैं देती हूँ,
तेरी आँखों में खुशियो की,
मैं चाह सुहानी लिखती हूँ।
तेरे मेरे लफ्जों को रखती हूँ
तेरी मेरी कहानी लिखती हूँ।।
होंठों को तुम चुप रहने दो,
आंखों को सब कुछ कहने दो, शब्दों का कोई काम नहीं,
आंखों की जुबानी लिखती हूँ ,
तेरे मेरे लफ्जों को रखती हूँ, तेरी मेरी कहानी लिखती हूँ।।
रचयिता – मीनू यतिन
Photo by Andrea Piacquadio from Pexels
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