
वक्त

वक्त
वक्त हो बुरा तो घाव हरा होता है,
वक्त हो सही तो हर जख्म भरा होता है।
वक्त ने एक वक्त चोर बनाया तुझको,
वक्त बदलते ही तू साहिब सा खड़ा होता है।
वक्त की बात है प्यारे तू, मैं कुछ भी नहीं,
वक्त ही यार मेरे, सबसे बड़ा होता है।
वक्त है खुशनुमा तू रहता है महलों में,
वक्त तेवर दिखाए, तू सडकों पे पड़ा होता है,
दर-बदर की ठोकरें भी दिखलाता है वक्त ही,
वक्त ही यार मेरे, सबसे बड़ा होता है।
इतराओ, न रखो गुमान कि तुम क्या हो,
पल भर में खाक, पल में खुदा हो, कुछ देर की बात है,
वक्त करवट बदलता है, अच्छा है बुरा साथ चलता है।
न मुंह फेरो किसी के काम आने से,
वक्त कहता है ,ये आज उसका है कल तेरा है।
वक्त न कैद होगा न रूकेगा,
कोशिश करेगा पगले तो हाथ मलेगा,
तू कर इंसानियत का फर्ज पूरा इंसा होकर,
वक्त देगा तुझे सिला तेरा खुदा होकर।
वक्त के इशारे समझ,
बदलता दिखाई देता है,
वक्त की बात है प्यारे,
तू, मैं कुछ भी नहीं,
वक्त ही यार मेरे सबसे बड़ा होता है।।
रचयिता – मीनू यतिन
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