
एहसास
एहसास
इतनी आसानी से न होगा किसी का,
इस बात का दिल को एक अरसे से गुरूर था ।
पर एक ही नज़र में जब हुआ मैं घायल,
वो उनकी मासूम आखों का ही कसूर था।
चर्चे हमारे भी हुए जहाँ में, शिद्दत वाली मोहब्बत के किस्सों में नाम अपना भी कभी मशहूर था।
मुकम्मल भले ना हुआ हो प्यार हमारा पर ,
तसल्ली है कि इश्क दोनों को हुआ ज़रूर था ।
पास भी थे मौका भी था और वक़्त भी
पर कुछ कशमकश थी, जो दोनों ने कुछ कहा नहीं।
कभी बड़े बेफिक्रे हुआ करते थे अल्फ़ाज़ हमारे
आज खामोश थे लब, उस रिश्ते की याद में जो अब रहा नहीं।
कभी दीदार के लिए जो बैचेन हुए जाता था हर दफ़ा
सामने खड़ा होकर भी उसने नज़रों को झुकाया था।
आँखों में बवंडर और दिल में जज़्बातों का सैलाब लिए,
एक हम ही थे जिसने बिना कश्ती समुन्दर में गोता लगाया था।
मुकम्मल इश्क़ किसका हुआ है भला, इस जुदाई को तो सालों पहले हमने दिल में छुपाया था।
दर्द फासलों का तो सिर्फ हमने महसूस किया है,
वो जालिम तो आज भी हमें देखकर हल्का सा मुस्कुराया था ।
आरती
Photo by Mukesh Mohanty: https://www.pexels.com/photo/greyscale-photo-of-man-and-woman-936554/
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