तीज, तुम से ही….!

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meenu yatin

29 Jul 20241 min read

Published in poetry

तीज, तुम से ही….!

 

हाथों में  मेहँदी  की महक का
कलाई में  चूड़ियों की खनक का

होंठों  पर लाली नेह की
पायल बिछुओं  का सजना
माँग में सिंदूर सम्मान का
आँखो  में काजल लाज का
साथ  तेरा  वरदान  सा

सर पर आँचल  संस्कार का
पांव में रंग  महावर का
साज का सिंगार का
गौरी की तपस्या का
शिव के उपहार का

ये व्रत है भाव का, साथ का
त्योहार है ये  सौभाग्य का
हम सफर का हमराह का
प्रेम का,  सुहाग  का ।।

 

मीनू यतिन

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29 Jul 20241 min read

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तीज, तुम से ही….!

 

हाथों में  मेहँदी  की महक का
कलाई में  चूड़ियों की खनक का

होंठों  पर लाली नेह की
पायल बिछुओं  का सजना
माँग में सिंदूर सम्मान का
आँखो  में काजल लाज का
साथ  तेरा  वरदान  सा

सर पर आँचल  संस्कार का
पांव में रंग  महावर का
साज का सिंगार का
गौरी की तपस्या का
शिव के उपहार का

ये व्रत है भाव का, साथ का
त्योहार है ये  सौभाग्य का
हम सफर का हमराह का
प्रेम का,  सुहाग  का ।।

 

मीनू यतिन

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