
खुद से प्यार जरूरी है

खुद से प्यार जरूरी है
इंसान अकेला ही आता है
अकेला ही जाता है
इस आने जाने के दरमियान
जाने कितने रिश्ते मिलते हैं
जाने कितने दोस्त बनाता है
खुद को भूल कर दूसरों के लिए जीता है
किसी दिन आखिरी साँसे गिनता
अपने जीवन को दोहराता है
तो क्या देखता है?
इन सारे रिश्ते नातों में
दोस्ती, वफा की बातों में
वो तो कहीं दिखता ही नहीं
वो! जिसकी ये जिंदगी थी
वो है ही कहाँ ?वो था भी नहीं
इनको मनाना, उनको मनाना
इसकी फिक्र उसे हँसाना
सबकी चिंता, सबकी जिम्मेदारी
वो कहाँ था?
उसे कभी हँसाया?
उसे किसने मनाया?
वो जो सोच रहा है पड़ा हुआ
उसके अपने हिस्से में खुद कितना आया?
काश! के कुछ वक्त खुद को देता
काश! के कुछ अपने भी लिए जीता
काश! कुछ प्यार खुद से भी होता
तो इस तरह तनहा पड़ा
ये न सोच रहा होता
कोई होता न होता
वो गर खुद के लिए खड़ा होता
अपने भी लिए एक बार को लडा़ होता
तो इतनी जल्दी इस हाल में न पड़ा होता
खुद से प्यार बेहद जरुरी है
खुद का भी ख्याल जरुरी है
खुद का साथ बेहद खूबसूरत है
खुद की भी जिम्मेदारी है
किसी और से पहले
हमें अपनी जरूरत है
कोई आए कि न आए
कोई पूछे कि न पूछे
किसी की अपनी मजबूरी है
एक शख्स आप ही हो अपने
जो हर पल साथ देता है
खुद के साथ रहना जरुरी है
जीवन के इस सफ़र में
किसी के साथ बुरा न करिए
मगर इस फहरिस्त में
आपका भी नाम जरुरी है!!
मीनू यतिन
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