एक सहेली अलबेली

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meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

एक सहेली अलबेली

 

 

यू तो वो बेफिक्र सी लगती है,

पर सच है कि 

फिक्र सबकी करती है,

परेशान होना उसकी फ़ितरत नहीं, 

हौसला वो साथ लिए चलती है । 

 

हसंती है तो,

मुस्कराने को मजबूर कर दे,

जादू सा असर है उसके होने में, 

पास  वो हो तो गम दूर कर दे । 

 

सबको लगता है कि उसकी है,

है पर किसी की नहीं,

मोह में बांध दे सबको

पर खुद बधंती नही़ । 

 

उसके जैसा मिला ही नहीं दूजा,

निराली है, अनोखी है,

कोई कल्पना नहीं, 

मेरी प्यारी सहेली है अलबेली ।। 

(मेरी सहेली पूजा को समर्पित )

 

 

रचयिता – मीनू यतिन

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एक सहेली अलबेली

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28 Jul 20241 min read

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एक सहेली अलबेली

 

 

यू तो वो बेफिक्र सी लगती है,

पर सच है कि 

फिक्र सबकी करती है,

परेशान होना उसकी फ़ितरत नहीं, 

हौसला वो साथ लिए चलती है । 

 

हसंती है तो,

मुस्कराने को मजबूर कर दे,

जादू सा असर है उसके होने में, 

पास  वो हो तो गम दूर कर दे । 

 

सबको लगता है कि उसकी है,

है पर किसी की नहीं,

मोह में बांध दे सबको

पर खुद बधंती नही़ । 

 

उसके जैसा मिला ही नहीं दूजा,

निराली है, अनोखी है,

कोई कल्पना नहीं, 

मेरी प्यारी सहेली है अलबेली ।। 

(मेरी सहेली पूजा को समर्पित )

 

 

रचयिता – मीनू यतिन

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