
ग़ज़ल

ग़ज़ल है आईना दिल का
समझ सको तो पढ़ो ।
हर लफ्ज का है अलग जायका
जो चख सको तो पढ़ो ।
फूल अल्फाजों के महक उठेगें
खुशबू जहन में भर सको तो पढ़ो ।
हर ग़ज़ल दर्द भरे जरूरी नहीं
सोच से आगे निकल सको तो पढ़ो ।
हर एक वाकया जुड़ जाएगा एहसास से
डूब के गहराई से उबर सको तो पढ़ो ।
मीनू यतिन

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