
एक नई सुबह
एक नई सुबह
ना वक्त से पहले कभी मिला है, ना किस्मत से ज्यादा मिलेगा।
मगर हम सबको अपने कर्मों का फल, एक दिन जरुर मिलेगा।
माना दिल की नियत का, औरों को पता नहीं चलता है,
मगर जिसकी जैसी नियत हो, उसको वैसा ही मिलता है।
माना दिल के टूटने की आवाज नहीं होती है,
मगर जिनका टूटता है उसकी गूंज, सिर्फ उसे ही सुनाई देती है।
माना कि दिल के जज्बातों को, बयां नहीं कर सकते,
मगर कोई है जो, सबके दिल की खबर रखता है।
माना कि हम आज तूफ़ान से गुज़र रहें है,
मगर हर तूफ़ान के बाद एक नया सवेरा होता है।
माना कि वो तूफ़ान तोड़ देता है,
मगर अगले दिन, एक नई सुबह होगी,
एक नई सुबह – जिसे सूरज देख मुस्कुराएंगा।
रचयिता स्वेता गुप्ता
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