
कोई कहानी लिखनी है

कोई कहानी लिखनी है
यार मिलो न ,बात करो न
कोई कहानी लिखनी है
कुछ किस्से तुमसे लेकर के
मैं कोई किरदार गढ़ूगीं
हसीं- ठहाके ,अश्क -उदासी
कई सारे एहसास लिखूँगी
उधडे़ रिश्तों की बुनाई करनी है
कोई कहानी लिखनी है
एक लम्हे में भर दूगीं मैं
एक पूरा का पूरा जीवन
छोटा पर बहुत प्यारा
सुंदर जैसे कोई स्वप्न
दुःख की पकड़ से
किसी मन की रिहाई करनी है
कोई कहानी लिखनी है
यार मिल न बात करो न
कोई कहानी लिखनी है ।।
मीनू यतिन
Photo by Roberto Nickson: https://www.pexels.com/photo/two-women-sitting-on-rock-facing-on-body-of-water-and-mountain-2609463/
Comments (0)
Please login to share your comments.