आज करें एक संकल्प

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meenu yatin

29 Jul 20241 min read

Published in poetry

आज़ादी, आज करें एक संकल्प

हुए पचहत्तर बरस पूरे
हमने पाई आज़ादी 
आज ही का था वो  दिन
जब हमने  मनाई आज़ादी 
आज़ादी  की खुशबू  हवा में घुल गई
एक घुटन ने दम तोड़ दिया
हर साँस में छाई आज़ादी ।

कितनों ने दी कुरबानी
रंग सबके लहू का एक ही
ऊपर तिरंगा  जब लहराया
सरजमीं पे लहराई आज़ादी ।

कितने सपूत शहीद हुए
कितने घर के चिराग बुझे
एक लौ हर दम रौशन रहे
इस ख़ातिर कितने दीप बुझे
कितने कफन ओढ़े पडे़
तब हमने तिरंगा फहराया
और फक्र से फहराई आज़ादी ।

एक संकल्प करो खुद से
न झुकने दोगे स्वाभिमान को
कोशिश ये हो कि
दुनिया में सम्मान बढ़े
न ठेस जरा भी लग पाए
भारत माता का नाम बढ़े 
हम नाज करें इस धरती पर 
सम्मान करें उस  कुर्बानी पर
ये याद रहे बरसों से जकड़े भारत ने
कितनी मेहनत से पाई आज़ादी ।।

 

मीनू यतिन

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आज करें एक संकल्प

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meenu yatin

29 Jul 20241 min read

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आज़ादी, आज करें एक संकल्प

हुए पचहत्तर बरस पूरे
हमने पाई आज़ादी 
आज ही का था वो  दिन
जब हमने  मनाई आज़ादी 
आज़ादी  की खुशबू  हवा में घुल गई
एक घुटन ने दम तोड़ दिया
हर साँस में छाई आज़ादी ।

कितनों ने दी कुरबानी
रंग सबके लहू का एक ही
ऊपर तिरंगा  जब लहराया
सरजमीं पे लहराई आज़ादी ।

कितने सपूत शहीद हुए
कितने घर के चिराग बुझे
एक लौ हर दम रौशन रहे
इस ख़ातिर कितने दीप बुझे
कितने कफन ओढ़े पडे़
तब हमने तिरंगा फहराया
और फक्र से फहराई आज़ादी ।

एक संकल्प करो खुद से
न झुकने दोगे स्वाभिमान को
कोशिश ये हो कि
दुनिया में सम्मान बढ़े
न ठेस जरा भी लग पाए
भारत माता का नाम बढ़े 
हम नाज करें इस धरती पर 
सम्मान करें उस  कुर्बानी पर
ये याद रहे बरसों से जकड़े भारत ने
कितनी मेहनत से पाई आज़ादी ।।

 

मीनू यतिन

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