
दोस्त

दोस्त
हाँ, वो मुझ पर भरोसा करती है
हाँ, कुछ बोलने से पहले ही बात समझती है
मेरी आवाज का लहजा उससे चुगली करता है
वो सामने से मेरी आँखों को पढ़ती है
मैं हूँ गलत या सही, हमेशा साथ रहती है ।
मुझको नहीं पता मैं अहम हूँ कितनी
मगर मेरी हर छोटी बड़ी खुशी में शामिल
मेरी हर तकलीफ में मेरे पास रहती है
वो है बेशकीमती मेरे लिए
मुझे नहीं फर्क दुनिया उसे क्या कहती है ।
मीनू यतिन
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