चुगलखोर आँखें

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

चुगलखोर आँखें

तुम न बताओ कितना भी छुपाओ
बताती हैं सारी तेरी मन की बाते
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

कुछ भी पूछने पे तेरा नजरें चुराना
यू हीं बात टालना, हौले से मुस्कराना
रूकती फिसलती मचलती संभलती
पलकों के पीछे से छुप के ये झाँके
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

यूँ तो अकसर ही चुपचाप देखती हैं
लगता है कभी ये सवाल पूछती हैं
लोगों की भीड़ में जाने क्या ढूँढती हैं
वैसे हैं बड़ी प्यारी तुम्हारी आँखें
कभी लगती हैं अपनी सी
मेरे चेहरे पे ठहरी तुम्हारी आँखें
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

कभी गुस्से से भर जाएं
कभी खुद पे ही इतराएं
कभी शरारत, कभी आंसू
कभी दर्द छुपाए
सारे जज्बातों के रंग लिए
मेरे मन को भिगा जाएं
जिंदगी से भरी,
ज़िन्दगी सी सुंदर आँखें
तेरी गहरी गहरी मासूम आँखें
फिर भी कही जाएंगी ये
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

 

मीनू यतिन

 

Photo by RODNAE Productions: https://www.pexels.com/photo/a-woman-in-traditional-clothing-and-jewelry-7685838/

Comments (0)

Please login to share your comments.



चुगलखोर आँखें

Avatar
meenu yatin

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

चुगलखोर आँखें

तुम न बताओ कितना भी छुपाओ
बताती हैं सारी तेरी मन की बाते
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

कुछ भी पूछने पे तेरा नजरें चुराना
यू हीं बात टालना, हौले से मुस्कराना
रूकती फिसलती मचलती संभलती
पलकों के पीछे से छुप के ये झाँके
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

यूँ तो अकसर ही चुपचाप देखती हैं
लगता है कभी ये सवाल पूछती हैं
लोगों की भीड़ में जाने क्या ढूँढती हैं
वैसे हैं बड़ी प्यारी तुम्हारी आँखें
कभी लगती हैं अपनी सी
मेरे चेहरे पे ठहरी तुम्हारी आँखें
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

कभी गुस्से से भर जाएं
कभी खुद पे ही इतराएं
कभी शरारत, कभी आंसू
कभी दर्द छुपाए
सारे जज्बातों के रंग लिए
मेरे मन को भिगा जाएं
जिंदगी से भरी,
ज़िन्दगी सी सुंदर आँखें
तेरी गहरी गहरी मासूम आँखें
फिर भी कही जाएंगी ये
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें
चुगलखोर आँखें, चुगलखोर आँखें।

 

मीनू यतिन

 

Photo by RODNAE Productions: https://www.pexels.com/photo/a-woman-in-traditional-clothing-and-jewelry-7685838/

Comments (0)

Please login to share your comments.