शिव की महिमा

Avatar
namrata gupta

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

शिव की महिमा

 

जब भी ये दिल घबराया है
शिव मैंने तुमको अपने निकट ही पाया है
तू त्रिलोकी, तू कैलाशी
तुमने हर विकट में मेरा बेडा पार कराया है
तुझसा नहीं कोई परोपकारी
यूँ ही बनाये रखना प्रभु साथ,
हे शम्भुनाथ, हे भोलेनाथ!

तू ही मेरा साथी तू ही सखा
तुझसा कोई दूजा है कहाँ?
तूने हर समय मुझे
रास्ता दिखलाया है
हर कठिन सफ़र में
चलना सिखाया है
कहने को सब है
कोई सहारा न होता है
दिल हमारा तनहा
बेचारा सा होता है
तेरा आश्रय है ठंडी छाया
तेरा दर्शन अनुपम माया
यु ही बनाये रखना प्रभु साथ
हे शम्भुनाथ, हे भोलेनाथ!

 

नम्रता गुप्ता

Comments (0)

Please login to share your comments.



शिव की महिमा

Avatar
namrata gupta

17 Aug 20241 min read

Published in poetry

शिव की महिमा

 

जब भी ये दिल घबराया है
शिव मैंने तुमको अपने निकट ही पाया है
तू त्रिलोकी, तू कैलाशी
तुमने हर विकट में मेरा बेडा पार कराया है
तुझसा नहीं कोई परोपकारी
यूँ ही बनाये रखना प्रभु साथ,
हे शम्भुनाथ, हे भोलेनाथ!

तू ही मेरा साथी तू ही सखा
तुझसा कोई दूजा है कहाँ?
तूने हर समय मुझे
रास्ता दिखलाया है
हर कठिन सफ़र में
चलना सिखाया है
कहने को सब है
कोई सहारा न होता है
दिल हमारा तनहा
बेचारा सा होता है
तेरा आश्रय है ठंडी छाया
तेरा दर्शन अनुपम माया
यु ही बनाये रखना प्रभु साथ
हे शम्भुनाथ, हे भोलेनाथ!

 

नम्रता गुप्ता

Comments (0)

Please login to share your comments.