
वो एक पल आएगा

वो एक पल आएगा
जो ख्वाब अधूरे रह गये थे
उन ख्वाबों को पूरा करना है
एक ख्वाब को रोज जीना है
एक ख्वाब को रोज मरना है
ना वादे थे न रस्में थीं
न जीने मरने की कसमें थीं
थीं साथ तो बस कुछ यादें थीं
वो यादें ही सौगातें थीं
फिर अधूरी यादों को
पूरा करने का
फिर से उस वक्त को जीने का
शायद फिर एक मौसम आएगा
थोडे़ से पल में ही सही
दिल भरपूर सुकून पा जाएगा
ख्वाबों को पूरा करने का
वो मंजर भी चल कर आएगा
एक क्षण, वो एक पल आएगा
आज नहीं तो कल आएगा।
मीनू यतिन
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