
पहचान इंसान की
पहचान इंसान की
कैसे करेंगे हम पहचान इंसान की
ये इतना ही कठिन है, जैसे तुलना करना किसी भगवान की भगवान से।
हर इंसान का अपना एक “वजूद” होता है
हर इंसान अपने आप मे “बहुत खूब” होता है
कोई अंतर्मुखी होता है, कोई बहिर्मुखी होता है
कोई तन्हाई मे भी हँसता है, कोई महफ़िल मे भी रोता है
किसी मे अपार सहनशक्ति होती है कुछ भी सह जाने की
तो कोई बहुत ही निर्बल होता है, हिम्मत नहीं रखता कुछ भी कह पाने की
कोई हर चीज़ मे नकारात्मकता ही ढूँढता रहता है , तो कोई नकारात्मकता को भी सकारात्मकता मे बदल देने की क्षमता रखता है
कोई किसी की ख़ामोशी को बड़े ही “अदब” से समझ लेता है ,
तो किसी पर, किसी के “चीत्कार” का भी कोई असर नहीं होता है।
इसलिए दोस्तों…..
कैसे करेंगे हम पहचान इंसान की
ये इतना ही कठिन है, जैसे तुलना करना किसी भगवान की भगवान से।
नम्रता गुप्ता
Photo by Nishant Aneja: https://www.pexels.com/photo/man-wearing-make-up-and-colored-dress-while-dancing-2561432/
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