पल पल फिसलती जिदंगी

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meenu yatin

29 Jul 20242 min read

Published in poetry

पल पल फिसलती जिदंगी

कस कर बंद की हुई मुट्ठी से
फिसलती हुई रेत की तरह
पकड़ के रखने है जो लम्हे
वो भी तो छूट जाते हैं
हाथ खाली ही रह जाता है और
हम कुछ भी कर नही पाते 

सोचना और कर पाना
दोनों के बीच के दायरे
ख्वाब  देखना और
उसे जी पाने के फासले
ऐसे अधूरे सपने भी टूट जाते हैं

समंदर की लहरें जब
पैरों को भिगा जाती हैं
केवल नमी ही नहीं,
रेत के निशां भी छोड़ जाती हैं

हर चीज  के दो पहलू हैं
हर बात के अलग मायने
एक हमेशा छिपा होता है
जब दूसरा हो सामने

अब  मसला ये है  कि
हम किस ओर खडे़ हैं
इस तरफ या उस छोर खडे़ हैं
हमेशा देखते हैं वही
जो दिखता है
जो ओझल है उस पर
नजर नहीं जाती
लेकिन उसके अस्तित्व से इंकार नहीं

हर शै में है कुछ तो अलग
उसकी दुनिया में कोई चीज बेकार नहीं
करेगा वो वही
जो तुम्हारे लिए सही होगा
नहीं तो लाख  चाहो कुछ
वही नहीं होगा
उस की रहमत पर हमेशा ऐतबार रखना
और हर बात के लिए
खुद को भी तैयार रखना

तूफान तो समंदर में आते ही रहते हैं
वो तुम्हें संभाल ही लेगा
बस तुम अपनी कश्ती पे भरोसा रख के
अपनी ठोकरों पे मझंधार रखना ।।

 

मीनू यतिन

 

 

Photo by Tiana: https://www.pexels.com/photo/woman-wearing-sweater-standing-in-front-of-beach-614503/

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पल पल फिसलती जिदंगी

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meenu yatin

29 Jul 20242 min read

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पल पल फिसलती जिदंगी

कस कर बंद की हुई मुट्ठी से
फिसलती हुई रेत की तरह
पकड़ के रखने है जो लम्हे
वो भी तो छूट जाते हैं
हाथ खाली ही रह जाता है और
हम कुछ भी कर नही पाते 

सोचना और कर पाना
दोनों के बीच के दायरे
ख्वाब  देखना और
उसे जी पाने के फासले
ऐसे अधूरे सपने भी टूट जाते हैं

समंदर की लहरें जब
पैरों को भिगा जाती हैं
केवल नमी ही नहीं,
रेत के निशां भी छोड़ जाती हैं

हर चीज  के दो पहलू हैं
हर बात के अलग मायने
एक हमेशा छिपा होता है
जब दूसरा हो सामने

अब  मसला ये है  कि
हम किस ओर खडे़ हैं
इस तरफ या उस छोर खडे़ हैं
हमेशा देखते हैं वही
जो दिखता है
जो ओझल है उस पर
नजर नहीं जाती
लेकिन उसके अस्तित्व से इंकार नहीं

हर शै में है कुछ तो अलग
उसकी दुनिया में कोई चीज बेकार नहीं
करेगा वो वही
जो तुम्हारे लिए सही होगा
नहीं तो लाख  चाहो कुछ
वही नहीं होगा
उस की रहमत पर हमेशा ऐतबार रखना
और हर बात के लिए
खुद को भी तैयार रखना

तूफान तो समंदर में आते ही रहते हैं
वो तुम्हें संभाल ही लेगा
बस तुम अपनी कश्ती पे भरोसा रख के
अपनी ठोकरों पे मझंधार रखना ।।

 

मीनू यतिन

 

 

Photo by Tiana: https://www.pexels.com/photo/woman-wearing-sweater-standing-in-front-of-beach-614503/

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