हमेशा मुस्कुराया करो….

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

Published in poetry

हमेशा मुस्कुराया करो….

उदासी तुम पर
अच्छी नहीं लगती
हमेशा मुस्कुराया करो।
माना मन का नहीं हुआ
उसे वहीं छोड़कर
आगे बढ़ जाया करो।

जानती हूँ,
मन में बहुत शोर है तुम्हारे
मन को समझाया करो
मैं मना नहीं करती ,
तुम्हारे हौसलें के
परिन्दों को उड़ने से
मगर कभी ये थक जाएंँ
तो ठहर कर प्यार
से सहलाया करो।
तुम हमेशा अपना
शत प्रतिशत देती हो
जो न हो पाया ,उसमें
अफसोस मत जताया करो।

तुम मुस्कुराते हुए
बहुत अच्छी लगती हो
मेरे लिए न सही
खुद के लिए मुस्कुराया करो।
मुझे बडी़ फिक्र रहती है तुम्हारी
चुपचाप रह कर
मेरी फिक्र मत बढा़या करो।
मैं हमेशा साथ हूँ तुम्हारे
तुम हमेशा मुस्कुराया करो।

 

मीनू यतिन


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हमेशा मुस्कुराया करो….

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

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हमेशा मुस्कुराया करो….

उदासी तुम पर
अच्छी नहीं लगती
हमेशा मुस्कुराया करो।
माना मन का नहीं हुआ
उसे वहीं छोड़कर
आगे बढ़ जाया करो।

जानती हूँ,
मन में बहुत शोर है तुम्हारे
मन को समझाया करो
मैं मना नहीं करती ,
तुम्हारे हौसलें के
परिन्दों को उड़ने से
मगर कभी ये थक जाएंँ
तो ठहर कर प्यार
से सहलाया करो।
तुम हमेशा अपना
शत प्रतिशत देती हो
जो न हो पाया ,उसमें
अफसोस मत जताया करो।

तुम मुस्कुराते हुए
बहुत अच्छी लगती हो
मेरे लिए न सही
खुद के लिए मुस्कुराया करो।
मुझे बडी़ फिक्र रहती है तुम्हारी
चुपचाप रह कर
मेरी फिक्र मत बढा़या करो।
मैं हमेशा साथ हूँ तुम्हारे
तुम हमेशा मुस्कुराया करो।

 

मीनू यतिन


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