माँ, तुमसा न कोई।

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lola nagle

28 Jul 20241 min read

Published in poetry

#mothersday2022

 

माँ, तुमसा न कोई।

 

माँ तुम हो कितनी प्यारी ,
तुम तो हो सबसे निराली ।
निभाती किरदार कई ,
तुम जैसा न कोई ।

अपने लाड़ दुलार प्रेम से सबको जोड़े रखती हो,
हर दम मेरे साथ रहती हो ।
ना बोले भी सब जान जाती हो ,
मेरी उदासी को हॅंसी में बदल देती हो ।
सबका खयाल भी रखती हो,
पर खुद कमी न थकती हो।
अपनी मुस्कुराहट से घर में रौनक लाती हो ,
मुझ पर आँच न आने देती हो ।

ऐसे ही जीवन के हर मोड पर सहारा देती हो ,
माँ, तुम इतना कैसे कर लेती हो ,
माँ, तुम इतना कैसे कर लेती हो।

 

लोला नागले

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28 Jul 20241 min read

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#mothersday2022

 

माँ, तुमसा न कोई।

 

माँ तुम हो कितनी प्यारी ,
तुम तो हो सबसे निराली ।
निभाती किरदार कई ,
तुम जैसा न कोई ।

अपने लाड़ दुलार प्रेम से सबको जोड़े रखती हो,
हर दम मेरे साथ रहती हो ।
ना बोले भी सब जान जाती हो ,
मेरी उदासी को हॅंसी में बदल देती हो ।
सबका खयाल भी रखती हो,
पर खुद कमी न थकती हो।
अपनी मुस्कुराहट से घर में रौनक लाती हो ,
मुझ पर आँच न आने देती हो ।

ऐसे ही जीवन के हर मोड पर सहारा देती हो ,
माँ, तुम इतना कैसे कर लेती हो ,
माँ, तुम इतना कैसे कर लेती हो।

 

लोला नागले

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