
बदलाव
बदलाव
बदलना किसी को नहीं है,
पर बदलाव सभी चाहते हैं।
खुद से शूरुआत कोई नहीं करता,
पर दूसरों को सभी आज़माते है।।
हँसी का पात्र बनना
कोई नहीं चाहता है,
पर हँसना सभी चाहते हैं।
अपनी कहानी तो छुपा लेते,
पर दूसरों का मजाक सभी उड़ाते है।।
सही मार्ग पर चलना
किसी को नहीं है,
पर न्याय सभी चाहते हैं।
खुद करे टैक्स चोरी,
और दुसरों को ईमानदारी का
पाठ पढ़ाते हैं।
क्रोधित होना कोई नहीं छोड़ पाता,
पर दूसरे का क्रोध
कोई नहीं चाहता।
दूसरों में बुराई गिनाने वाले,
खुद को दूध का धुला
गिनाते है।
बदलना किसी को नहीं है,
पर बदलाव सभी चाहते हैं।
रचयिता- दिनेश कुमार सिंह
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