
जन की भाषा है हिंदी
जन की भाषा है हिंदी
जन – जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी
निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है हिंदी
तुलसी, मीरा की तान है हिंदी।
हिंदी से पहचान हमारी
बढती इससे शान हमारी
हिंदी देश की राष्ट्रभाषा
हिंदी है अभिमान हमारी।
बढ़ते चले हम हिंदी की डगर पर
काँटे मिलेंगे राहों पर मगर
ये काँटे भी फूल बन जायेंगे पथ पर
आओ हम सब मिलकर हिंदी को दे सम्मान
आओ हम सब मिलकर करे निज – भाषा पर अभिमान
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।
नम्रता गुप्ता
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