
हैलो फोन
हैलो फोन
फोन एक दीवार है
और दरार है।
एक कमरा,
एक दीवान,
पर, चार इंच के
इस खिलौने से,
लोगों में, दूरी बरकरार है।
साथ साथ सब
होते है
दिखते हैं ।
पर खोये इसमें
सब इतना
जादू सा कर डाला
इसका ही
इख्तियार है।
ढेरों संदेश,
सब हामी भरते
अच्छे होने का,
सच्चे होने का,
पर सब जाली
कारोबार है।
हजारों दोस्त,
हजारों रिश्ते,
हजारों पसंद (likes),
पर चुटकी बजाते
बदल जाते सब कुछ,
खोखला यह व्यवहार है।
रचयिता- दिनेश कुमार सिंह
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