तुम मेरे लिए …

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meenu yatin

11 Aug 20241 min read

Published in poetry

तुम मेरे लिए …

आया था एक ख्याल,
सोचा, कागज़ पर उतार दूँ।
कुछ लकीरें खींच कर
एक तस्वीर उभार दूँ ।

एक कर्ज है, एक बोझ है
जो तेरे दिल पर
तू बेबस है
सोचा, मैं ही उतार दूँ।

दुनिया देखती नहीं है
तुझे मेरी नज़र से
बैठ सामने कि
तेरी नज़र उतार दूँ।

तू खास है, खास,
बहुत खास मेरे लिए
तू देखना चाहे तो,
मैं अपनी नजऱ उधार दूँ।

 

मीनू यतिन

 

Photo by Mukesh Mohanty: https://www.pexels.com/photo/greyscale-photo-of-man-and-woman-936554/

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meenu yatin

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तुम मेरे लिए …

आया था एक ख्याल,
सोचा, कागज़ पर उतार दूँ।
कुछ लकीरें खींच कर
एक तस्वीर उभार दूँ ।

एक कर्ज है, एक बोझ है
जो तेरे दिल पर
तू बेबस है
सोचा, मैं ही उतार दूँ।

दुनिया देखती नहीं है
तुझे मेरी नज़र से
बैठ सामने कि
तेरी नज़र उतार दूँ।

तू खास है, खास,
बहुत खास मेरे लिए
तू देखना चाहे तो,
मैं अपनी नजऱ उधार दूँ।

 

मीनू यतिन

 

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