माँ, मेरी जान हो तुम

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

Published in poetry

माँ, मेरी जान हो तुम

माँ, मेरी जान हो तुम
चमकते हैं जिसमें
सूरज चंदा तारे
मेरा वो आसमान हो तुम
बंद आखों से देखूँ तो
एक प्यारा सा ख्वाब हो तुम
खुली आँखों से देखूँ तो
मेरी हकीकत का जहान हो तुम
तुम पे शुरू ,तुम पे खत्म
मेरी तो सारी दुनिया
मेरी हर कामयाबी का
मकाम हो तुम
मेरे माथे पे हाथ फिरा के
समेट लेना अपने आँचल में
मेरे सारे गम
इस धरती पर
मेरा भगवान हो तुम।
हाँ माँ, मेरी जान हो तुम।

 

मीनू यतिन

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माँ, मेरी जान हो तुम

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meenu yatin

16 Aug 20241 min read

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माँ, मेरी जान हो तुम

माँ, मेरी जान हो तुम
चमकते हैं जिसमें
सूरज चंदा तारे
मेरा वो आसमान हो तुम
बंद आखों से देखूँ तो
एक प्यारा सा ख्वाब हो तुम
खुली आँखों से देखूँ तो
मेरी हकीकत का जहान हो तुम
तुम पे शुरू ,तुम पे खत्म
मेरी तो सारी दुनिया
मेरी हर कामयाबी का
मकाम हो तुम
मेरे माथे पे हाथ फिरा के
समेट लेना अपने आँचल में
मेरे सारे गम
इस धरती पर
मेरा भगवान हो तुम।
हाँ माँ, मेरी जान हो तुम।

 

मीनू यतिन

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