BackSaveकमीmeenu yatin11 Aug 2024•1 min read Published in poetry 0 0Save 0 0कमीयूँ तो कहने को बहुत कुछ था,जो तू जानता नहीं था ।अगर दिल की ही माने तोफिर सब कुछ सही था ।बहुत खोजा था तुझमें,मगर मिला ही नहींजो एहसास था मुझमेंवो तुझमें नहीं था।तुम सा ढूँढने काख़याल भी न आयाकोई इस जहां में,तुमसा नहीं था। मीनू यतिन Comments (0)Please login to share your comments.Login
BackSaveकमीmeenu yatin11 Aug 2024•1 min read Published in poetry 0 0Save 0 0कमीयूँ तो कहने को बहुत कुछ था,जो तू जानता नहीं था ।अगर दिल की ही माने तोफिर सब कुछ सही था ।बहुत खोजा था तुझमें,मगर मिला ही नहींजो एहसास था मुझमेंवो तुझमें नहीं था।तुम सा ढूँढने काख़याल भी न आयाकोई इस जहां में,तुमसा नहीं था। मीनू यतिन Comments (0)Please login to share your comments.Login
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