
हां, हम राहुल के पापा है
#REPUBLICDAY
हां, हम राहुल के पापा हैं
हां, हम राहुल के पापा हैं,
वह भारतीय सेना का
एक सिपाही है,
रास्ता कैसा भी हो,
पर वह एक
कर्तव्यनिष्ठ राही है।
हां, हम राहुल के पापा हैं ।
है इकलौती संतान तो क्या
उसको फ़ौज़ में जाना था,
इस इकलौती जिंदगी में,
उसको कुछ कर दिखाना था,
देश प्रेम का जज़्बा, शायद
पाठशाला की किताबों से
पाया था,
तिरंगे का रंग उसे शायद
खूब भाया था।
15 अगस्त, 26 जनवरी को
उसमें जोश भर जाता था,
औरों की तरह, पर दूसरे दिन भी
वह नहीं उतर पाता था।
एक दिन वह सेना में भरती
का फार्म भर लाया,
अच्छी बात थी, पर बाप का
जी बहुत घबराया।
हां, हम राहुल के पापा हैं,
वह हमारा अकेला सहारा है,
इस मिट्टी के दो कमरों में
हम दोनों, इतना सा संसार
हमारा है।
मन सोचा रोक लूं, शायद वह
रूक भी जाता,
पर क्या इससे
वह खुश हो पाता?
वह चला गया,
सिर्फ सेना में नही,
पर सीमा पर लड़ते लड़ते
इस दुनिया से भी।
पर वह तो होना था,
कब तक टिकता मेरे पास
वह तो खरा सोना था।
हां, हम राहुल के पापा हैं ।।
रचयिता
दिनेश कुमार सिंह
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