न्योछावर

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meenu yatin

30 Aug 20241 min read

Published in poetry

न्योछावर

जाने क्या सुख है इसका, जाने क्या खुशी मिलती है मुझे , जाने क्यों ऐसा करती हूँ
तू बात किसी से करता है मैं तुझको  तकती रहती हूँ

अखबार के पन्ने पर रुकती चलती  मै नजरे तेरी पढती हूँ
तेरी आँखें जो कहती हैं  वो सारा कुछ मैं सुनती हूँ, कहती आँखें कही अनकही सब बातें,

सुख दुख के वो जो पल बांटे, पन्नों पे  मैं लिखती रहती हूँ

तू मशगूल कही होता है ,मै तुझे निहारा करती हूँ, आते जाते भावों की तसवीरे उकेरा करती हूँ

सोचती हूं कभी क्या जानती हूँ तुझे? या तुझे तुझसे ज्यादा समझती हूँ।

हाँ  खुशी मिलती है तुझे  देख के  सुख अपना तुझको  कहती हूँ।

 

रचयिता – मीनू यतिन 

 

Watch our Talk Show ‘Let’s do some GUPSHUP’

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जाने क्या सुख है इसका, जाने क्या खुशी मिलती है मुझे , जाने क्यों ऐसा करती हूँ
तू बात किसी से करता है मैं तुझको  तकती रहती हूँ

अखबार के पन्ने पर रुकती चलती  मै नजरे तेरी पढती हूँ
तेरी आँखें जो कहती हैं  वो सारा कुछ मैं सुनती हूँ, कहती आँखें कही अनकही सब बातें,

सुख दुख के वो जो पल बांटे, पन्नों पे  मैं लिखती रहती हूँ

तू मशगूल कही होता है ,मै तुझे निहारा करती हूँ, आते जाते भावों की तसवीरे उकेरा करती हूँ

सोचती हूं कभी क्या जानती हूँ तुझे? या तुझे तुझसे ज्यादा समझती हूँ।

हाँ  खुशी मिलती है तुझे  देख के  सुख अपना तुझको  कहती हूँ।

 

रचयिता – मीनू यतिन 

 

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